V.S Awasthi

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चुनावी काव्य




चुनावी काव्य
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लोकतंत्र के पर्व की देखो स्वर्णिम बेला आई।
मतदान करें और पुण्य कमाएं चूक ना जाना भाई।।
भारत के सुन्दर संविधान ने हमको अधिकार दिया है।
इसका हम उपयोग करें ये फर्ज भी हमें दिया है।।
हर नागरिक का फर्ज है कि मतदान उसे करना है।
पावन परम पुनीत यज्ञ में आहुतियां हमें करना है।।

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

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1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

17-Feb-2022 05:33 PM

बहुत खूबसूरत

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